धातु स्पिनिंग, जिसे स्पिन फॉर्मिंग या स्पिनिंग के रूप में भी जाना जाता है, एक धातु कार्य प्रक्रिया है जिसके द्वारा धातु की एक डिस्क या ट्यूब को उच्च गति पर घुमाया जाता है और अक्षीय रूप से सममित भाग में बनाया जाता है। ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण, यह प्रक्रिया प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ काफी विकसित हुई है, जिससे विभिन्न उद्योगों में नई तकनीकों और अनुप्रयोगों का विकास हुआ है। यह लेख धातु स्पिनिंग की एक व्यापक खोज प्रदान करता है, जिसमें इसका इतिहास, सिद्धांत, तकनीक, सामग्री, उपकरण, अनुप्रयोग और हालिया तकनीकी प्रगति शामिल है।
धातु स्पिनिंग के कई प्रकार हैं, जिनमें से प्रत्येक विभिन्न अनुप्रयोगों और सामग्री प्रकारों के लिए उपयुक्त है:
पारंपरिक स्पिनिंग: इसमें सरल आकार शामिल हैं और यह धातु स्पिनिंग का सबसे बुनियादी रूप है, जिसका उपयोग अक्सर बेलनाकार या शंक्वाकार भागों के उत्पादन के लिए किया जाता है।
शीयर स्पिनिंग: जिसे फ्लो टर्निंग के रूप में भी जाना जाता है, इस तकनीक में स्पिन करते समय सामग्री को पतला करना शामिल है, जिससे मजबूत, हल्के वजन वाले घटकों का उत्पादन होता है।
ट्यूब स्पिनिंग: इस विधि का उपयोग ट्यूबों को आकार देने के लिए किया जाता है और इसमें सामग्री का अक्षीय खिंचाव और पतला होना शामिल है।
गर्म स्पिनिंग: इस प्रक्रिया में, धातु को अधिक लचीला बनाने के लिए गर्म किया जाता है, जिससे कठोर धातुओं या अधिक जटिल आकारों का निर्माण होता है।